बरकरार रखा प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 का फैसला

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण मामले में सुनवाई करते हुए अपना अहम फैसला सुनाया। कोर्ट इस मामले में अपने 2006 के फैसले को बरकरार रखा। वहीं कोर्ट ने कहा कि इसमें आकड़े जुटाने की जरूरत है। इस मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ फैसला सुनाया। बता दें कि 2006 के फैसले में अजा-अजजा कर्मचारियों की नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए कुछ शर्तें रखी गई थीं।
इन मामलों पर भी आज आएगा फैसला
आधार की अनिवार्यता
कोर्ट की कार्रवाई का लाइव प्रसारण
आधार की अनिवार्यता
केंद्र द्वारा आधार को अनिवार्य मानने को लेकर 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर आज कोर्ट फैसला सुना सकता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को इस पर अफना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के.एस .पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गई थीं। आधार के मामले में आज कोर्ट का फैसला काफी अहम होगा।
कोर्ट से कार्यवाही का सीधा प्रसारण
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण या वीडियो रिकार्डिंग दिखाने की अनुमति देने संबंधी विभिन्न याचिकाओं पर अपना निर्णय सुना सकता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एम.एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने 24 अगस्त को इस मुद्दे पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। पीठ का कहना है कि वह अदालतों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए ‘खुली अदालत’ की परिकल्पना को लागू करना चाहती है।
नेता अहमद पटेल की एक याचिका पर सुनवाई
कोर्ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की एक याचिका पर भी अपना निर्णय सुना सकता है। पटेल ने यह याचिका गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए दायर की थी। दरअसल भाजपा उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि पटेल ने गलत तरीके से चुनाव जीता और विधायकों के बेंगलुरु के होटल में बंद रखा था। पटेल ने गुजरात हाईकोर्ट से राजपूत की याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया था जिसे नकार दिया गया था। हाईकोर्ट के इसी फैसले को लेकर पटेल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। प्रधान न्यायाधीश मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर एवं न्यायमूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने पटेल एवं भाजपा नेता बलवंत सिंह राजपूत के वकीलों की दलील सुनने के बाद 19 सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
सदन में सदस्यता बहाली
सर्वोच्च न्यायालय इस पर भी अपना निर्णय सुना सकता है कि अपीलीय अदालत द्वारा किसी अयोग्य ठहराए गए जनप्रतिनिधि की दोष सिद्धि पर लगाई गई रोक से क्या सदन में उसकी सदस्यता बहाल हो जाएगी। प्रधान न्यायाधीश मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी ने याचिका दायर की थी।
जज लोया केस
जज लोया केस में दाखिल पुनर्विचार याचिका पर भी कोर्ट फैसला सुनाएगा जिसमें वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियों को हटाने की मांग की है।